Working of triac in Hindi
स्वागत है आपका हमारे इस blog में। इस पोस्ट में working off triac इन हिंदी के बारे में जानकारी बताई गई है । बहुत ही सरल शब्दों में हमने इस पोस्ट में आपको triac working in Hindi बारे में समझाने का प्रयास किया है
अगर आप अपना बहुमूल्य समय लगाकर इस पोस्ट को पढ़ते हैं तो आपको निश्चित रूप से अच्छी तरह से जानकारी मिल सकती है।
Triac का फुल from triode alternating current है । Triac थ्री टर्मिनल डिवाइस है anode cathode और gate हम इस पोस्ट में triac working in हिंदी के बारे में जानने वाले है ।
Triac एक फोर लेयर बाय डायरेक्शनल सेमीकंडक्टर डिवाइस है triac AC पावर और DC को पावर कंट्रोल करता है ।
triac कि बाय डायरेक्शनल कंडक्शन प्रॉपर्टी की वजह से triac ज्यादा से ज्यादा पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग किया जाता है । इसके अलावा triac कंट्रोलिंग purpose के लिए उपयोग किया जाता है ।
Construction of triac
जैसे हमने ऊपर बताया triac three टर्मिनल फोर लेयर bilateral सेमीकंडक्टर डिवाइस है ।
Triac में two scr antiparallel में connect
होते हैं और दोनों scr एक ही common गेट टर्मिनल कनेक्ट होता हैं एक ही डिवाइस में ।
होते हैं और दोनों scr एक ही common गेट टर्मिनल कनेक्ट होता हैं एक ही डिवाइस में ।
इस वजह से triac bidirectional डिवाइस है triac में एनोड और कैथोड का कोई अर्थ नहीं है । इसलिए triac में मेन टर्मिनल वन (mt1) और main टर्मिनल टू (mt 2) होते हैं।
Working of track in Hindi
आईये वर्किंग ऑफ triac इन हिंदी में जानते हैं triac गेट करंट दिए बिना भी टर्न ऑन हो सकता है उसके लिए हमें voltage सप्लाई को break over voltage के बराबर देना होगा जब और यह दोनों बराबर हो जायेंगे तभी सर्किट ब्रेक होगा और triac turn on होगा।
लेकिन साधारण ता हम triac को टर्न ऑन करने के लिए गेट करंट को का उपयोग करते हैं ।
Triac वर्किंग में चार मोड होते हैं इन चार मोड पर triac work करता है ।
1. Main terminal 2 positive (+) gate positive (+) with respect to main terminal 1
2. Main terminal 2 positive (+ )gate negative( -) with respect to main terminal 1
3. Main terminal 2 negative (-) and gate it is positive (+) respect to mt1 terminal 1
4. Main terminal 2 negative (-) and gate negative (-) with respect to make terminal 1
Advantages of track ( triac के फायदे)
1. Triac पॉजिटिव ओर नेगेटिव दोनों पोलैरिटी से टर्न ऑन हो सकता है ।
2. Triac के लिए सिंगल फ्यूल प्रोडक्शन जरूरी होता है यह कंस्ट्रक्शन भी सरल पड़ता है ।
Disadvantages of driver
1. Triac के कंपैरिजन में एससीआर ज्यादा rating के साथ उपलब्ध हैं ।
2. Triac की रिलायबिलिटी scr कम होती है ।
Application of tyre (triac के उपयोग)
1. Triac heat कंट्रोल के लिए किया जाता है ।
२. Triac का उपयोग फैन स्पीड रेगुलेटर में भी होता है
३. इसके अलावा triac लाइट dimmer में भी यूज़ किया जाता है ।
4. Triac को ट्रिगर करने के लिए diac का उपयोग किया जाता है ।
Conclusion : अगर आप पढ़ते पढ़ते यहां तक आ गए हो तो जरुर हमें बताएं कि हमारी यह पोस्ट आपको कैसी लगी कमेंट बॉक्स में लिखें आप हमारी अन्य पोस्ट भी नीचे पड़ सकते हैं हमें आशा है कि हमारी पोस्ट आपको थोड़ा सा फायदा जरूर हुआ होगा ।
1. Triac heat कंट्रोल के लिए किया जाता है ।
२. Triac का उपयोग फैन स्पीड रेगुलेटर में भी होता है
३. इसके अलावा triac लाइट dimmer में भी यूज़ किया जाता है ।
4. Triac को ट्रिगर करने के लिए diac का उपयोग किया जाता है ।
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