नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे इस अनोखे लेख में । यहां पर हम आपको Diac के बारे में बताएंगे । जैसे कि what is diac in Hindi और Diac working in Hindi
यहां पर हम जानेंगे सबसे पहले Diac के symbol के बारे में । उसके बाद हम देखेंगे diac कैसे कार्य करता ? इसके साथ ही हम कुछ application of Diac के बारे में देखेंगे ।
इस लेख के माध्यम से आप Diac के बारे में बहुत कुछ जान पाएंगे और समझ पाएंगे अगर आप diac के बारे में और भी जानना चाहते हैं तो आप इस लेख को आखिर तक पढ़ सकते हैं जिससे आपका कोई पॉइंट नहीं छूटेगा ।
यहां पर हम जानेंगे सबसे पहले Diac के symbol के बारे में । उसके बाद हम देखेंगे diac कैसे कार्य करता ? इसके साथ ही हम कुछ application of Diac के बारे में देखेंगे ।
इस लेख के माध्यम से आप Diac के बारे में बहुत कुछ जान पाएंगे और समझ पाएंगे अगर आप diac के बारे में और भी जानना चाहते हैं तो आप इस लेख को आखिर तक पढ़ सकते हैं जिससे आपका कोई पॉइंट नहीं छूटेगा ।
What is diac in Hindi ?
तो चलिए देखते हैं diac यानी डायोड अल्टरनेटिंग करंट thyristor फैमिली का सदस्य होता है । बेसिकली दोस्तों diac का उपयोग triac को trigger करने के लिए किया जाता है ।
Diac एक बाय डायरेक्शनल device है। जोकि triac को टर्न ऑन करने के लिए यूज किया जाता है । Diac में सिर्फ दो टर्मिनल होती है ।
1. Main terminal 1
2. Main terminal 2
Diac यह नाम डायोड और अल्टरनेटिंग करंट से मिलाकर बनाया गया है । Diac यह पूरी तरीके से triac के जैसा ही होता है सिर्फ फर्क यह है कि यहां पर gate terminal होता । diac को trigger करने के लिए avalanche breakdown का उपयोग किया जाता है ।
Diac working in Hindi
तो आइए जानते हैं कि (diac working in Hindi) कैसै काम करता है । Diac एक पीएनपीएन मतलब 4 लेयर और two terminal semiconductor डिवाइस होता है । Diac के मध्य भाग में कोई भी टर्मिनल नहीं होता ।
What is triac in Hindi ?
What is triac in Hindi ?
Diac को दो टर्मिनल होते हैं mt1 और mt2 । इस डिवाइस में कंट्रोल टर्मिनल नहीं होता । तो आइए देखते हैं कि diac basic structure जिसमें आपको अच्छी तरह से समझ आएगा ।
Basic structure of diac
Diac off stage से on stage मैं कैसे जाता है ?
इसका अर्थ यह है कि diac कैसे turn on होता है ।जब हम mt2 को पॉजिटिव सप्लाई से कनेक्ट करते हैं तब करंट p1-n2-p2-n3 इस path से flow होता है ।
और जब भी हम mt1 को पॉजिटिव सप्लाई से जोड़ते हैं तब करंट p2 -n2-p1-n1 direction से flow होता है ।
हम जो वोल्टेज सप्लाई देते हैं । Diac को अगर वह वोल्टेज कम हो तो वहां से बहुत ही कम करंट flow होगा ब्रेक ओवर वोल्टेज से भी कम तो इस करंट को लीकेज करंट भी कह सकते हैं ।
Electrons और holes की drift होती है डिप्लीशन लेयर में उसे लीकेज करंट तैयार होता है यह लीकेज करंट diac को trigger करने के लिए काफी नहीं होता ।
तो जब हमारा अप्लाइड वोल्टेज avalanche breakdown वोल्टेज से ज्यादा होता है तब ब्रेकडाउन होता है और diac off स्टेज से on स्टेज में चला जाता है इस प्रोसेस को हम triggering (turn on ) के नाम से भी जानते हैं ।
V-I characteristics of Diac
V -I characteristics of diac |
Application of Diac ( Diac के उपयोग )
Diac बहुत जगहों पर यूज किया जाता है । आपके घर मे भी शायद diac यूज़ किया गया हो लेकिन आपको पता नहीं होगा कि diac कहां पर स्थित है ।
इसका उत्तर बहुत ही सरल है diac एक पावर कंट्रोलिंग डिवाइस है जहां पर भी पावर कंट्रोल करने की आवश्यकता होती है वहां पर diac का उपयोग किया जाता है।
हम कोई भी एक उदाहरण से समझते हैं ।
हर किसी के घर में फैन होता है । तो उस फैन की speed ( गति) को कंट्रोल करने के लिए आप जिस बटन को कम या ज्यादा करते हैं । उसमें diac का उपयोग किया जाता है ।
वहां पर एक सर्किट स्थित होता है जिसमें diac, register, triac , potentiometer सभी कनेक्टेड होते हैं ।
नीचे दिए गए स्थानों पर दया का उपयोग किया जाता है ।
1. Fan regulator मीडिया का उपयोग होता है ।
2. Light dimmer मैं भी diac का उपयोग किया जाता है
3. Heat control circuit diac का उपयोग होता है ।
Conclusion: तो दोस्तों आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं इस पोस्ट को बनाने के लिए हमें बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है अगर आपका कोई सुझाव एवं सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ एवं बता सकते हैं यह पोस्ट सिर्फ उनके लिए हैं जिनको दया के बारे में कम जानकारी है ।
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